नई दिल्ली, ज़्यादातर पश्चिमी भारत, और विशेष रूप से मुंबई में मनाया जाने वाला गणपतोत्सव बस आने ही वाला है। हालाकि, अब यह त्योहार बस पश्चिमी भारत में ना रहे कर दुनिया के अलग अलग कोनों में मनाया जाने लगा है पर यह पर्व सिर्फ पूजा तक सीमित नहीं है, इन दिनों में जब बप्पा हमारे घर पधारते है, तब काफी पकवान बनाए जाते हैं, बप्पा का कीर्तन किया जाता है और काफी नाच गाना किया जाता है लेकिन एक बात का खास ध्यान रखें दोस्तो, सिर्फ सोचकर मूर्ति घर ले आने से बात नहीं बनती, मेहमान रूपी घर पर आए बप्पा के लिए बहुत कुह करना पड़ता है - मूर्ति चुनने से लेकर विसर्जन की विधियों तक - हर चीज़ का बारीक से ध्यान रखा जाना चाहिए।
तो कैसे मनाए इस बार गणेश चतुर्थी को और भी ज़्यादा शुभ? किस प्रकार की मूर्ति लाए घर, जिससे घर में प्रवेश करने लगे खुशियां? इस बारे में बता रहीं हैं, एस्ट्रोलॉजी, टैरो कार्ड्स, स्प्रिचुएलटी, न्यूमिरोलॉजी, मेडिटेशन, वास्तु एक्सपर्ट डॉक्टर आरती ढैय्या।
यह सब बातें जानने के लिए और गणपति के साथ और सुख समृद्धि घर लाने के लिए पढ़िए निम्नलखित बातों को:
इको फ्रेंडली: काफी सालों से यह देखा जा रहा है कि बप्पा के विसर्जन के बाद समुंद्री जीवन में काफी मुश्किलें बढ़ रही है, इसलिए आप कोशिश करें कि जो मूर्ति अपा घर लाए, वह पर्यावरण को किसी भी तरह नुकसान ना पहुंचाए।
सूंड उल्टे हाथ पर: ऐसा माना जाता है कि अगर बप्पा की सूंड उल्टे हाथ पर हो तो वो बहुत निम्र और जल्दी मुरादे पूरी करने वाले होते है। अगर बप्पा की सूंड सीधे हाथ पर हो तो उनसे अपनी बात पूरी करवाने में थोड़ी मुश्किलें आ सकती हैं।
पीला या केसरी कपड़ा: यह दो रंग किसी भी पूजा के कार्यक्रम में शुभ माने जाते हैं, तो बप्पा को विराजमान करते समय, इन्हीं दो रंगों का प्रयोग करें।
सुपारी, अखंड ज्योति: बप्पा लाभ और खुशहाली का प्रतीक होते है, किसी भी काम को शुरू करने से पहले भी, बप्पा की पूजा की जाती है। तो इन १० दिन घर पर विराजमान बप्पा का खास ध्यान रखें। उन्हें अच्छे अच्छे पकवान, सुपारी ज़रूर भोग लगाएं। और अगर आप अखंड ज्योति जला सकते है, तो यह परिवार के लिए बहुत लाभदाई रहेगा।
अलग अलग तरह के फूल: बप्पा को भिन्न भिन्न रंग के फूल बहुत पसंद है, तो प्रयास करें अगर आप रोज़ अलग अलग फूल उन्हें भेंट कर पाएं।
बप्पा की मूर्ति पर दिखता हर रंग, एक अलग गुण का प्रतीक है। तो किस तरह की मूर्ति आपके लिए क्या लाभ प्रदान कर सकती है, चलिए यह जानते हैं:
बड़ा सिर: बप्पा का बड़ा सिर, बड़ी सोच, दूरदर्शिता, ज्ञान के सार को चित्रित करता है।
बड़े कान: गणपति जी के बड़े बड़े कान उनके एक अच्छे श्रोता होना का संदेश देते हैं। तो अगर आप भी ज़िन्दगी में कुछ बड़ा करना चाहते है, सीखना चाहते है तो आपको मुंह से बड़े कान करने पड़ेंगे।
नेत्र: अगर आपने कभी ध्यान दिया हो, तो बप्पा कि आंखे छोटी पर तेज़ दिखती हैं। वह इसका प्रतीक है कि अगर आप ध्यान लगा कर देखें, तो आपको ज़िन्दगी और चीज़ों में काफी बारीकी दिखने लगेगी।
सूंड: इधर उधर लहराती, बप्पा की सूंड हमें हर परिस्थिति में ढलना सिखाती है।
बड़ा पेट: बप्पा की मूर्ति पर बना बड़ा पेट बस उनके ज़्यादा खाने के शौकीन होने की ही नहीं, बल्कि उसके साथ साथ और भी ज़िन्दगी कि कई बातें सीखता है।
बस यही कुछ ध्यान में रखने वाली बातें थीं गणपति उत्सव को और अधिक उत्साह से मनाने के लिए। अब आप तैयार है, एक सुंदर व शुभ मूर्ति अपने घर स्थापित व बप्पा के साथ शानदार १० दिन गुज़ार ने के लिए।