लॉकडाउन में ढील के साथ ही बुलेट ट्रेन परियोजना का काम फिर से पटरी पर




अहमदाबाद, जापान के सहयोग तथा एक लाख करोड़ रूपये से अधिक की लागत वाली महत्वाकांक्षी मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के संचालन के लिए गठित नेशनल हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) ने आज कहा कि कोरोना संकट के चलते लगाये गये लॉकडाउन के प्रतिबंधों में धीरे धीरे ढील दिये जाने के साथ ही वह अपने सभी कार्यालयों को पूरी तरह खोलने तथा निर्माण कार्य और भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया फिर से शुरू करने समेत अन्य कार्यों की शुरूआत कर रही है।



कार्पोरेशन ने आज यहां जारी बयान में कहा कि लॉकडाउन की अवधि का उपयोग भी विभिन्न विभागों के प्रयासों के समन्वय तथा इन्हें परियोजना के अन्य अंशधारकों जैसे आरआईटीईएस और जापानी अंतर्राष्ट्रीय सलाहकारों आदि के साथ समन्वित करने के लिए किया गया। इसी दौरान पहली बार तीन निविदाओं के लिए बोली पूर्व की बैठक का आनलाइन आयोजन भी किया गया। कार्पोरेशन के सभी विभाग भी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये नियमित तौर पर बैठकें कर रहे थे। इस तरह से परियोजना संबंधि काम लॉकडाउन के दौरान भी कभी भी पूरी तरह ठप नहीं हुआ था।



बयान में कहा गया है कि अब जब सामाजिक दूरी तथा स्वच्छता मानकों को बढ़ाते हुए नियमित कार्यों को सामान्य करने की तरफ बढ़ा जा रहा है, कार्पोरेशन के सभी कार्यालय पूरी तरह सक्रिय हो रहे हैं। हाल में गुजरात के सूरत जले के मुलाड गांव में सहमति शिविरों यानी कंसेंट कैप का भी आयोजिन किया गया। बुलेट ट्रेन के लिए बनने वाले ट्रैक आदि के रास्ते में पड़ने वाली संरचनाओं आदि के स्थानांतरण का काम भी सूरत और अहमदाबाद में शुरू हुआ है। अहमदाबाद के ही साबरमती हब के निर्माण का काम भी गति पकड़ रहा है। बहुत निकट भविष्य में ही सब कुछ पूरी तरह सक्रियता से शुरू हो जायेगा।