नयी दिल्ली, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट का सिलसिला आज लगातार तीसरे दिन जारी रहा।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का वायदा 12.57 प्रतिशत लुढ़क कर 16.90 डॉलर प्रति बैरल रह गया। इससे पहले मंगलवार को बीच कारोबार में यह 15.98 डॉलर बैरल तक उतर गया था जो 1999 के बाद का निचला स्तर है। जून का अमेरिकी क्रूड वायदा 6.40 प्रतिशत टूट कर 10.83 डॉलर प्रति बैरल बोला गया।
बाजार विश्लेषकों का कहना है कि दुनिया के लगभग सभी देशों में लॉकडाउन या अन्य प्रकार के कड़े प्रतिबंधों के कारण माँग में भारी गिरावट आई है। कंपनियाँ उत्पादन पूरी तरह बंद नहीं कर सकतीं। इसलिए कच्चे तेल का भंडार बढ़ता जा रहा है। अब भंडारण की भी जगह नहीं है। इससे कच्चे तेल की कीमतों में ऐतिहासिक गिरावट देखी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को अमेरिकी क्रूड के मई वायदा का भाव ऋणात्मक चला गया था। यह अब तक के इतिहास में पहली बार हुआ है कि कच्चे तेल की कीमत ऋणात्मक यानी शून्य से भी कम हुई हो।