जेल में दो से अधिक कैदियों के एक साथ बैठने पर लगी पाबंदी

लखनऊ,  कोरोना के संक्रमण से बचाव के तहत उठाये जा रहे कदमों के बीच उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिला जेल में दो से अधिक कैदियों के एक साथ बैठने में पाबंदी लगा दी गयी है। कारागार सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि जिला बंदीगृह परिसर में क्षमता से कई गुना अधिक कैदियों के बावजूद दो से अधिक के साथ बैठने पर पाबंदी लग गई है। कैदियों की क्षमता से ज्यादा उपस्थिति जेल प्रशासन के लिये चुनौती का सबब बना हुआ है।


वरिष्ठ अधिवक्ता अनुराधा भाटी ने बताया कि जेल में बंद कैदियों की कोरोना से सुरक्षा के इंतजामों पर संविधान के अनुच्छेद 21में मिले जीवन के अधिकार के तहत यह सुनिश्चित किया जाना जरूरी है कि कोरोना संक्रमण जेलों में ना फैले। विशेषतौर पर कोरोना महामारी को मद्देनजर रखते हुए।इस कारण कैदियों के बीच निश्चित दूरी सुनिश्चित हो और उन्हें किस तरह संक्रमण से बचाया जा सके।


इसके मद्देनजर सीमित विकल्पों के बावजूद सुरक्षा के इंतजामों के तहत संज्ञान लेते हुए जिला बंदीगृह प्रशासन ने एहतियातन सैनेटाईज करना शुरू कर दिया है। प्रवर जेल अधीक्षक कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि जेल में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जद्दोजहद चल रही है।जेल में क्षमता से कहीं ज्यादा कैदियों को संक्रमण से बचाने के प्रारंभिक उपायों के तहत एक बंदी से अधिकतम तीन मुलाकातियों की संख्या घटाकर प्रति बंदी एक व्यक्ति किया गया था एवं बंदी की सप्ताह में तीन मुलाकात के स्थान पर एक मुलाकात की स्वीकृति की गई थी।


वर्तमान में कोरोना वायरस की भयावहता को देखते हुए बंदियों से मुलाकात 31 मार्च तक पूरी तरह मुलतवी की जाती है। जेल में छिडकाव के लिये 16 लीटर क्षमता वाली आठ सौ पचास रुपये कीमत की एक मशीन, ब्लीचिंग पाउडर, पहले ही उपलब्ध कराया जा चुका है। फिनाइल से साफ सफाई पहले की तरह जारी है।