सैनिकों को चीनी सेना द्वारा हिरासत में लिये जाने की रिपोर्टों पर सरकार ने दी ये प्रतिक्रिया




नयी दिल्ली , सेना ने उसके गश्ती दल में शामिल कुछ सैनिकों को सीमा पर चीनी सेना द्वारा हिरासत में लिये जाने की रिपोर्टों का खंडन करते हुए कहा है कि इस तरह की अपुष्ट खबरों से राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचता है।



मीडिया में आयी रिपोर्टों में कहा गया था कि पूर्वी लद्दाख में पेगोंग झील के निकट सीमा पर चीनी सैनिकों ने भारतीय गश्ती दल के जवानों को कुछ देर के लिए हिरासत में ले लिया था और उनके हथियार भी ले लिये थे। दोनों सेनाओं के जवानों के बीच पांच और छह मई को इस क्षेत्र में मामूली झड़प भी हो चुकी है।



सेना की ओर से आज यहां जारी एक वक्तव्य में कहा गया है, “ सीमा पर भारतीय सैनिकों को हिरासत में नहीं लिया गया। हम इस तरह की घटना का स्पष्ट रूप से खंडन करते हैं। जब मीडिया संस्थान इस तरह की अपुष्ट खबर प्रकाशित करते हैं तो इससे केवल राष्ट्रीय हितों का नुकसान होता है। ”



पूर्वी लद्दाख के इस क्षेत्र में दोनों सेनाओं के बीच पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई है और अपुष्ट खबरों में यह भी कहा गया है कि दोनों ओर से क्षेत्र में सैनिकों का जमावड़ा बढाया जा रहा है।



रिपोर्टों में यह भी कहा गया है कि चीन ने अक्साई चिन से लगते गलवान घाटी क्षेत्र में भारी वाहनों और मशीनरी के जमावड़े के साथ बड़ी संख्या में टेंट भी लगा दिये हैं। रिपोर्टों में भारत की ओर से भी अपने क्षेत्र में टेंट लगाये जाने की बात कही गयी है। कुछ खबरों के साथ उस क्षेत्र की उपग्रह से ली गयी तस्वीरें भी प्रकाशित की हैं जिनमें इन टेंटों और अन्य गतिविधियों के बारे में जानकारी मिलती है।



प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डा जितेन्द्र सिंह ने भी कहा है कि भारतीय सैनिकों को चीनी सैनिकों द्वारा पकड़े जाने से संबंधित रिपोर्ट फर्जी है। उन्होंने टि्वट किया है, “ एक खतरनाक फर्जी खबर। चीनी सीमा पर भारतीय सैनिकों को हिरासत में नहीं लिया गया है। भारतीय सेना ने इसका स्पष्ट तौर पर खंडन किया है। इस तरह की गैर जिम्मेदाराना मीडिया रिपोर्टिंग राष्ट्रीय हितों को नुकसान पहुंचाती है। सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद से पुष्टि की है। ”