काम के घंटे बढ़ाने को लेकर मजदूरों मे बढ़ा असंतोष, संगठनों ने दी ये चेतावनी ?

नयी दिल्ली,  विभिन्न मजदूर संगठनों ने मजदूरों के लिए कारखानों में काम के लिये 8 घंटे के स्थान पर 12 घंटे करने का विरोध किया है।


मजदूर संगठनों ने मीडिया में आयी इस आशय की खबरों पर केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को लिखे एक पत्र में कहा है कि इससे मजदूरों


का शोषण बढेगा। खबरों के अनुसार सरकार कारखाना अधिनियम 1948 में बदलाव की तैयारी कर रही है।


इसमें मजदूरों के लिये कारखानों में काम करने की दैनिक अवधि आठ घंटे से बढकर 12 घंटे हो जायेगी।


इससे मजदूरों को प्रति सप्ताह 72 घंटे काम करना होगा।


मजदूर संगठनों ने इसका विरोध करते हुए कहा है कि सरकार को रोजगार के अवसर बढ़ाने के उपाय करने चाहिए।


कोरोना महामारी के कारण मजदूर तबका भारी दबाव में है और छंटनी का खतरा झेल रहा है।


ऐसे समय में सरकार को अधिक से अधिक लोगों को काम दिलाने का प्रयास करना चाहिए।


इससे लोगों के हाथ में ऐसा आएगा और बाजार में मांग बढ़ेगी। इससे अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।


मजदूर संगठनों ने कहा है कि सरकार को इस प्रस्ताव पर आगे विचार नहीं करना चाहिए और मजदूरों के लिए इस संकट के समय आजीविका


की व्यवस्था करनी चाहिए।