हमेशा जवां दिखना है, तो खूबसूरती को न होने दें उम्रदराज.....

हर किसी की यह चाहत होती है कि उसकी खूबसूरती ताउम्र बनी रहे, लेकिन समय के साथ सौंदर्य पर उम्र का असर पड़ने लगता है और जब भी शीशे में शरीर पर उम्र ढलने के लक्षण नजर आने लगते हैं, तो चेहरे पर एक अजीब सी चिंता उभर आती है। अब आप अपनी खूबसूरती को इसी तरह बनाएं रख सकते हैं और शरीर के ढलती उम्र के लक्षणों को कम करके खूबसूरत खुशहाल जिंदगी बिता सकते हैं। बढ़ती उम्र के 5 मुख्य लक्षण होते है जिसमें सूखी त्वचा, रंग का नीरस होना, चेहरे पर लकीरें आना व झुर्रियां होना, त्वचा में कसाव कम होना और झाइयां होना शामिल है। बढ़ती उम्र में त्वचा की कोशिकाओं व उसकी प्रणाली पर समय और पर्यावरणीय कारक मिलकर सबसे ज्यादा प्रभाव डालते है। शरीर की कोशिकाएं रोजाना अपनी ही प्रतिकृतियां बनाती हैं।


यह बिल्कुल वैसी ही प्रक्रिया है जिसमें एक अंडे से इंसान की त्वचा, बाल, रक्त कोशिकाएं और कुछ अंदरूनी अंग लगातार विकसित होते रहते हैं। बढ़ती उम्र में त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने के लिए संवृद्धि अवयव की जरूरत होती है यानी त्वचा में खुद ही अपनी मरम्मत करने की क्षमता हो और सप्लीमेंट के माध्यम से मरम्मत करने की इस प्रक्रिया को अधिक बेहतर बनाया जा सके। सप्लीमेंट में वह सभी जरूरी घटक है, जो बढ़ती उम्र के चलते खत्म हो जाते हैं। विकास के ये कारक यानी कि संवृद्धि अवयव त्वचा पर बहुत ही सकारात्मक तरीके से काम करते हैं और चेहरे की बारीक लकीरों और झुर्रियों को कम करने में मदद करते हैं। ये त्वचा को कसावट, चमक बढ़ाते, धब्बों को हल्का करके त्वचा में नमी प्रदान करते है।


जब हम बच्चे होते हैं, तो हमेशा चाहते हैं कि जल्दी से बड़े हो जाएं और जब हम 30 की उम्र के पड़ाव पर पहुंचते हैं, तो चाहते है कि उम्र रुक जाए। हम बौद्धिक व परिपक्व होना चाहते हैं, लेकिन ये परिपक्वता अपने चेहरे पर नहीं आने देना चाहते। हालांकि बढ़ती उम्र के लक्षण हमारी त्वचा पर दिखने का कारण प्रदूषण, जीन, उम्र और अन्य कारक होते हैं। आज के समय में न सिर्फ महिलाएं, बल्कि पुरुष भी हमेशा युवा और ऊर्जावान दिखना चाहते हैं और यह सब हमारे खानपान और शारीरिक गतिविधियों पर भी निर्भर करता है। तो अगर आप अपनी खूबसूरती को हमेशा के लिए कायम रखना चाहते हैं, तो अब संवृद्धि अवयव और कोशिका नवीनीकरण थेरेपी को अपनाएं और उम्रदराज त्वचा को हमेशा के लिए अलविदा कहें।